Morning Mantras in Hindi - शास्त्रों के मंत्र - पाएं हर कार्य में सफलता
यदि हमें सुबह की शुरुआत सही ढंग से करनी आ जाए, तो हमारा पूरा दिन तो शुभ और अच्छा बीतेगा ही, साथ ही हमारा आने वाला भविष्य भी काफी बेहतर होगा। Morning Mantras in Hindi - जानिये कुछ ऐसे अदभुद, अचूक व तुरंत Morning Mantras in Hindi के बारे में.
बहुत से शास्त्रों में बताया गया है की किस तरह हम कुछ छोटे कदम उठा कर अपने पूरे दिन को शुभता की और ले जा सकते हैं और किस तरह हम आसानी से सफलता पा सकते हैं। शास्त्रों में दिए गए कुछ मन्त्रों का उच्चारण सुबह-सुबह नींद से जागते ही करना - एक बहुत ही बेहतरीन और आज़माया हुआ अचूक तरीका है सफलता पाने का।
शास्त्र इस बात की पूर्णतः पुष्टि करते हैं की यदि आप हर सुबह / प्रातः शास्त्रों में दिए गए मंत्र जाप करते हैं तो आपको निश्चित रूप से हर कार्य में सफलता प्राप्त होने लगेगी।
आज यहाँ हम आपको बताएँगे की वामन पुराण के चतुर्दशोध्याय के अनुसार हम किन किन मन्त्रों का उच्चारण कर सकते हैं / जप सकते हैं, तीव्रता से सफलता प्राप्त करने के लिए।
इन मन्त्रों से आपके आस पास की सारी नकारात्मकता ख़त्म हो जायेगी और बहुत ही जल्दी आपको शुभता दिखाई देने लगेगी अपने सभी कार्यों में।
वामन पुराण के अनुसार रोज़ सुबह सुबह इस स्तुति या इसके मन्त्रों का अभ्यास नित्य करने से बहुत ही जल्द आपका बुरा समय समाप्त होता है और सफलता प्राप्त होती है।
ब्रह्मा मुरारिरित्रपुरान्कारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्र्च।
गुरुश्र्च शुक्र: सह भानुजेन कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
भृगुर्वसिष्ठ: क्रतुरडिराश्र्च मनु: पुलस्त्य: पुलद्ध: सगौतम: ।
रैभ्यो मरीचिश्चयवनो ऋभुश्र्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
सनत्कुमार: सनक: सनन्दन: सनातनोप्यासुरिपिडलौ च।
सप्त स्वरा: सप्त रसातलाश्र्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
स्तुति का अर्थ:
मैं अपना शीश झुका कर नमन करता हूँ और हाथ जोड़ कर यह प्रार्थना करता हूँ की ब्रह्मा, विष्णु, शंकर (सभी देवी देवता) तथा सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनैश्चय (ग्रह) - सभी से मेरी प्रार्थना है की ये सब मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं।।
भृगु, वसिष्ठ, क्रतु, अडिग्रा, मनु, पुलस्त्य, पुलह, गौतम, रैभ्य, मरीच, च्यवन और ऋभु (सभी ऋषि महात्मा) से प्रार्थना है की मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं।।
सनत्कुमार, सनक, सन्नदन, सनातन, आसुरि, पिडग्ल, सातों शर और सातों रसातल सभी से मेरी प्रार्थना है की मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं।।
वामन पुराण के चतुर्दशोध्याय के 21 से 25 श्लोक की स्तुति को रोज़ नियमित रूप से सुबह सुबह पढ़ने व अध्ययन करने से आप बहुत जल्द सफलता की और अग्रसर हो पाएंगे।
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हम विश्वास से कहते हैं की इन मन्त्रों (Morning Mantras in Hindi) का सुबह सुबह सिर्फ 45 दिन उच्चारण करके देखिये और खुद जानिये इन Morning Mantras in Hindi (मन्त्रों) की अदभुद शक्ति।
अगर आपको हमारे इस पोस्ट Morning Mantras in Hindi के विषय में कुछ भी कहना हो, या कोई और जानकारी चाहिए हो, तो कृपया कर नीचे दिए गए comment box में अपना comment ज़रूर छोड़ें।
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शास्त्र इस बात की पूर्णतः पुष्टि करते हैं की यदि आप हर सुबह / प्रातः शास्त्रों में दिए गए मंत्र जाप करते हैं तो आपको निश्चित रूप से हर कार्य में सफलता प्राप्त होने लगेगी।
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आज यहाँ हम आपको बताएँगे की वामन पुराण के चतुर्दशोध्याय के अनुसार हम किन किन मन्त्रों का उच्चारण कर सकते हैं / जप सकते हैं, तीव्रता से सफलता प्राप्त करने के लिए।
इन मन्त्रों से आपके आस पास की सारी नकारात्मकता ख़त्म हो जायेगी और बहुत ही जल्दी आपको शुभता दिखाई देने लगेगी अपने सभी कार्यों में।
Benefits of Morning Mantras in Hindi
वामन पुराण के चतुर्दशोध्याय के 21 से 25 श्लोक की स्तुति के बारे में हम बात करने जा रहे हैं जो:- शुभ फल देती है,
- दुःख दूर करती है,
- कष्टों का निवारण करती है,
- बुरे समय को ख़त्म करके अच्छा समय लाती है,
- भाग्य तुरंत चमकाती है,
- लाभ बढाती है,
- लक्ष्मी को आकर्षित करती है,
- और घर परिवार में सुख और समृद्धि बढाती है।
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वामन पुराण के अनुसार रोज़ सुबह सुबह इस स्तुति या इसके मन्त्रों का अभ्यास नित्य करने से बहुत ही जल्द आपका बुरा समय समाप्त होता है और सफलता प्राप्त होती है।
Morning Mantras in Hindi
स्तुति:ब्रह्मा मुरारिरित्रपुरान्कारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्र्च।
गुरुश्र्च शुक्र: सह भानुजेन कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
भृगुर्वसिष्ठ: क्रतुरडिराश्र्च मनु: पुलस्त्य: पुलद्ध: सगौतम: ।
रैभ्यो मरीचिश्चयवनो ऋभुश्र्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
सनत्कुमार: सनक: सनन्दन: सनातनोप्यासुरिपिडलौ च।
सप्त स्वरा: सप्त रसातलाश्र्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
स्तुति का अर्थ:
मैं अपना शीश झुका कर नमन करता हूँ और हाथ जोड़ कर यह प्रार्थना करता हूँ की ब्रह्मा, विष्णु, शंकर (सभी देवी देवता) तथा सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनैश्चय (ग्रह) - सभी से मेरी प्रार्थना है की ये सब मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं।।
भृगु, वसिष्ठ, क्रतु, अडिग्रा, मनु, पुलस्त्य, पुलह, गौतम, रैभ्य, मरीच, च्यवन और ऋभु (सभी ऋषि महात्मा) से प्रार्थना है की मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं।।
सनत्कुमार, सनक, सन्नदन, सनातन, आसुरि, पिडग्ल, सातों शर और सातों रसातल सभी से मेरी प्रार्थना है की मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं।।
वामन पुराण के चतुर्दशोध्याय के 21 से 25 श्लोक की स्तुति को रोज़ नियमित रूप से सुबह सुबह पढ़ने व अध्ययन करने से आप बहुत जल्द सफलता की और अग्रसर हो पाएंगे।
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