3 Moral Stories on Positive Attitude in Hindi - Motivational Video
कभी कभी एक प्रेरक / प्रेरणा-दायक कहानी हमें अपने भीतर छिपी ताकत, धैर्य व शक्ति का पता लगाने में काफी मदद करती है. या यूँ कहिये के एक प्रेरक कहानी हमारी ताकत को बढ़ाती व जगाती है. बहुत सी Moral Stories on Positive Attitude in Hindi - Motivational Video ऐसी भी होती हैं जिनसे आप अपने विचारों को भी positive और शानदार बना सकते हैं.
आपने आज तक सैंकड़ों Moral Stories on Positive Attitude in Hindi पढ़ी होंगी. पर सवाल ये है कि उनमें से कितनी stories आपके जीवन, दिमाग और विचारों में बदलाव लायी है?
यहाँ हमारा प्रयास है कि हम कुछ ऐसी बेहतरीन Moral Stories on Positive Attitude in Hindi आपके साथ share करें, जो न केवल आपको एक शक्तिशाली सबक दें, बल्कि आपके जीवन की कुछ अज्ञात सच्चाइयों के बारे में जानने में भी सहायक हों.
एक किसान रोज़ अपना काम ख़तम करने के बाद एक सड़क के किनारे बैठे चाय वाले के पास चाय पीने बैठता था. रोज़ाना उसके साथ उसका कुत्ता भी आता था. किसान चाय पीता और उसका कुत्ता बैठकर वाहनों के आने की प्रतीक्षा करता.
जैसे ही कोई वाहन वहां से गुज़रता, वो कुत्ता कुछ दूर तक उसका पीछा करता, भौंकता, भागता और कुछ दूर जाकर वापिस आजाता. अगला वाहन आने पर फिर वही होता. और उसके अगले वाहन आने पर फिर से वो कुत्ता यही सब दोहराता.
एक दिन उस किसान से चाय वाले ने पूछा "क्या आपको लगता है कि आपका कुत्ता कभी किसी भी वाहन को पकड़ पायेगा?"
इसपर किसान ने जवाब दिया "ये किसी वाहन को पकड़ पायेगा या नहीं - चिंता इस बात की नहीं. बल्कि इस बात की है कि अगर पकड़ भी लिया, तब क्या? उसके बाद क्या?"
Moral of the Story
हममें से बहुत से लोग उस कुत्ते की तरह बिलकुल निरर्थक लक्ष्य बना कर बैठे हैं. वैसे तो हम सबकी "निरर्थक" की एक अपनी अलग परिभाषा है. कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो मेरे लिए निरर्थक है पर आपके लिए नहीं, और कुछ आपके लिए निरर्थक हैं पर मेरे लिए नहीं. इसीलिए निरर्थक की सबकी अपनी अपनी परिभाषा है.
पर एक बात का हमेशा ध्यान रखिये, के ज़िन्दगी के पास इतना कुछ है देने के लिए जो हम कभी सोच भी नहीं सकते. और कभी कभी तो सही विकल्प चुनना भी बहुत मुश्किल हो जाता है क्यूंकि ज़िन्दगी हमारे सामने विकल्प ही ऐसे रखती है के हम सही चुनने में असमर्थ हो जाते हैं.
कभी कभी आपको लगेगा कि आपको सब कुछ आपकी संतुष्टि (Satisfaction) के हिसाब से मिलेगा. मगर result खोखला होता है. इसीलिए मित्रों, इस कहानी से शिक्षा लें और किसी भी लक्ष्य को निर्धारित करने से पहले 10 बार सोचें कि अगर और जब आप उस लक्ष्य को पा लेंगे, तब क्या? क्या आप सच में संतुष्टि (Satisfied) महसूस करेंगे? - अगर आपका जवाब 10 बार सोचने पर भी "हाँ" हो, तो ही उस काम को करिए / उस विकल्प का ही चयन कीजिये. क्यूंकि वो आपके लिए ख़ुशी, संतुष्टि और स्म्रिधि - तीनो देगा.
एक 24 साल का जवान लड़का, ट्रेन की खिड़की से बाहर देख कर चिल्लाया "पिताजी, वो देखिये, पेड़ पीछे जा रहे हैं"
पिताजी मुस्कुराये, मगर साथ बैठे एक युवा जोड़े ने इस 24 साल के जवान लड़के की तरफ बहुत करुणा और तरस भरी निगाह से देखा.
वह युवा जोड़ा इसे अभी हमदर्दी भरी निगाह से देख ही रहा था कि अचानक उस लड़के ने फिर कहा "पिताजी, यह देखिये बादल हमारे साथ साथ ही चल रहे हैं"
युवा जोड़ा जो ये सब देख रहा था, उनसे रहा ना गया और उन्होंने इस बूढ़े व्यक्ति से कहा "आप अपने बेटे को किसी अच्छे डॉक्टर के पास क्यूँ नहीं दिखाते?"
इसपर वह बूढ़ा व्यक्ति मुस्कुराया और उसने कहा "मैंने दिखाया इसे एक अच्छे डॉक्टर को और हम अभी अस्पताल से ही आ रहे हैं. मेरा बीटा जन्म से अँधा था. उसका ऑपरेशन हुआ और आज ही उसे अपनी आखें मिली हैं"
Moral of the Story
सबके जीवन की एक कहानी होती है. इसीलिए, बिना जाने किसीको Judge कभी ना करें. कभी भी किसीके बारे में कोई राय ना बनाएं, बिना उसे या उसकी कहानी जाने.
एक लड़का और लड़की साथ खेल रहे थे.
लड़के के पास चमकीले और सुन्दर मार्बल्स का संग्रह था. लड़की के पास कुछ मिठाइयां थी.
लड़के ने लड़की से कहा कि वो उसकी मिठाइयों के बदले अपने सारे मार्बल्स उसे देगा. इसपर विचार करने पर लड़की मान गयी.
लड़के ने संगेमरमर के चमकीले मार्बल्स अलग एक तरफ किये और बाकी सब उस लड़की को दे दिए. जैसा कि दोनों के बीच तय हुआ था, लड़की ने अपनी सारी मिठाइयाँ लड़के को देदी.
उस रात लड़की को तो नींद आ गयी, वो तो शांति से सो गयी. मगर लड़के को नींद नहीं आई, वो सो नहीं पाया. वो लड़का रातभर यही सोचता रहा कि क्या लड़की ने भी कुछ मिठाइयाँ उससे छुपा ली होंगी? जैसे उसने अपना सबसे अच्छा संगेमरमर लड़की से छुपाया. लड़की ने उसे सारी मिठाइयाँ दी होंगी या नहीं? - ये सबमें उसे रातभर नींद नहीं आई.
Moral of the Story
कोई काम हो, रिश्ता हो, नौकरी हो, अपना बिज़नेस या किसी भी जगह - यदि आप किसी चीज़ में अपना सौ प्रतिशत नहीं देते तो आप हमेशा संदेह करते रहेंगे कि क्या दुसरे व्यक्ति ने अपना सौ प्रतिशत दिया होगा.
जैसा बोयेंगे, वैसा पाएंगे. इसीलिए सदैव अपना काम ईमानदारी से कीजिये और अनावश्यक संदेह कभी न करें - अपना काम इमानदारी से करने पर आप अनुभव करेंगे कि आपको नींद बहुत शांति की आएगी और मन पर कोई बोझ भी नहीं रहेगा.
आपने आज तक सैंकड़ों Moral Stories on Positive Attitude in Hindi पढ़ी होंगी. पर सवाल ये है कि उनमें से कितनी stories आपके जीवन, दिमाग और विचारों में बदलाव लायी है?
यहाँ हमारा प्रयास है कि हम कुछ ऐसी बेहतरीन Moral Stories on Positive Attitude in Hindi आपके साथ share करें, जो न केवल आपको एक शक्तिशाली सबक दें, बल्कि आपके जीवन की कुछ अज्ञात सच्चाइयों के बारे में जानने में भी सहायक हों.
Moral Story on Positive Attitude in Hindi - निरर्थक लक्ष्य
एक किसान रोज़ अपना काम ख़तम करने के बाद एक सड़क के किनारे बैठे चाय वाले के पास चाय पीने बैठता था. रोज़ाना उसके साथ उसका कुत्ता भी आता था. किसान चाय पीता और उसका कुत्ता बैठकर वाहनों के आने की प्रतीक्षा करता.
जैसे ही कोई वाहन वहां से गुज़रता, वो कुत्ता कुछ दूर तक उसका पीछा करता, भौंकता, भागता और कुछ दूर जाकर वापिस आजाता. अगला वाहन आने पर फिर वही होता. और उसके अगले वाहन आने पर फिर से वो कुत्ता यही सब दोहराता.
एक दिन उस किसान से चाय वाले ने पूछा "क्या आपको लगता है कि आपका कुत्ता कभी किसी भी वाहन को पकड़ पायेगा?"
इसपर किसान ने जवाब दिया "ये किसी वाहन को पकड़ पायेगा या नहीं - चिंता इस बात की नहीं. बल्कि इस बात की है कि अगर पकड़ भी लिया, तब क्या? उसके बाद क्या?"
Moral of the Story
हममें से बहुत से लोग उस कुत्ते की तरह बिलकुल निरर्थक लक्ष्य बना कर बैठे हैं. वैसे तो हम सबकी "निरर्थक" की एक अपनी अलग परिभाषा है. कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो मेरे लिए निरर्थक है पर आपके लिए नहीं, और कुछ आपके लिए निरर्थक हैं पर मेरे लिए नहीं. इसीलिए निरर्थक की सबकी अपनी अपनी परिभाषा है.
पर एक बात का हमेशा ध्यान रखिये, के ज़िन्दगी के पास इतना कुछ है देने के लिए जो हम कभी सोच भी नहीं सकते. और कभी कभी तो सही विकल्प चुनना भी बहुत मुश्किल हो जाता है क्यूंकि ज़िन्दगी हमारे सामने विकल्प ही ऐसे रखती है के हम सही चुनने में असमर्थ हो जाते हैं.
कभी कभी आपको लगेगा कि आपको सब कुछ आपकी संतुष्टि (Satisfaction) के हिसाब से मिलेगा. मगर result खोखला होता है. इसीलिए मित्रों, इस कहानी से शिक्षा लें और किसी भी लक्ष्य को निर्धारित करने से पहले 10 बार सोचें कि अगर और जब आप उस लक्ष्य को पा लेंगे, तब क्या? क्या आप सच में संतुष्टि (Satisfied) महसूस करेंगे? - अगर आपका जवाब 10 बार सोचने पर भी "हाँ" हो, तो ही उस काम को करिए / उस विकल्प का ही चयन कीजिये. क्यूंकि वो आपके लिए ख़ुशी, संतुष्टि और स्म्रिधि - तीनो देगा.
Moral Story on Positive Attitude in Hindi - सबके जीवन की एक कहानी है
एक 24 साल का जवान लड़का, ट्रेन की खिड़की से बाहर देख कर चिल्लाया "पिताजी, वो देखिये, पेड़ पीछे जा रहे हैं"
पिताजी मुस्कुराये, मगर साथ बैठे एक युवा जोड़े ने इस 24 साल के जवान लड़के की तरफ बहुत करुणा और तरस भरी निगाह से देखा.
वह युवा जोड़ा इसे अभी हमदर्दी भरी निगाह से देख ही रहा था कि अचानक उस लड़के ने फिर कहा "पिताजी, यह देखिये बादल हमारे साथ साथ ही चल रहे हैं"
युवा जोड़ा जो ये सब देख रहा था, उनसे रहा ना गया और उन्होंने इस बूढ़े व्यक्ति से कहा "आप अपने बेटे को किसी अच्छे डॉक्टर के पास क्यूँ नहीं दिखाते?"
इसपर वह बूढ़ा व्यक्ति मुस्कुराया और उसने कहा "मैंने दिखाया इसे एक अच्छे डॉक्टर को और हम अभी अस्पताल से ही आ रहे हैं. मेरा बीटा जन्म से अँधा था. उसका ऑपरेशन हुआ और आज ही उसे अपनी आखें मिली हैं"
Moral of the Story
सबके जीवन की एक कहानी होती है. इसीलिए, बिना जाने किसीको Judge कभी ना करें. कभी भी किसीके बारे में कोई राय ना बनाएं, बिना उसे या उसकी कहानी जाने.
Moral Story on Positive Attitude in Hindi - अनावश्यक संदेह
एक लड़का और लड़की साथ खेल रहे थे.
लड़के के पास चमकीले और सुन्दर मार्बल्स का संग्रह था. लड़की के पास कुछ मिठाइयां थी.
लड़के ने लड़की से कहा कि वो उसकी मिठाइयों के बदले अपने सारे मार्बल्स उसे देगा. इसपर विचार करने पर लड़की मान गयी.
लड़के ने संगेमरमर के चमकीले मार्बल्स अलग एक तरफ किये और बाकी सब उस लड़की को दे दिए. जैसा कि दोनों के बीच तय हुआ था, लड़की ने अपनी सारी मिठाइयाँ लड़के को देदी.
उस रात लड़की को तो नींद आ गयी, वो तो शांति से सो गयी. मगर लड़के को नींद नहीं आई, वो सो नहीं पाया. वो लड़का रातभर यही सोचता रहा कि क्या लड़की ने भी कुछ मिठाइयाँ उससे छुपा ली होंगी? जैसे उसने अपना सबसे अच्छा संगेमरमर लड़की से छुपाया. लड़की ने उसे सारी मिठाइयाँ दी होंगी या नहीं? - ये सबमें उसे रातभर नींद नहीं आई.
Moral of the Story
कोई काम हो, रिश्ता हो, नौकरी हो, अपना बिज़नेस या किसी भी जगह - यदि आप किसी चीज़ में अपना सौ प्रतिशत नहीं देते तो आप हमेशा संदेह करते रहेंगे कि क्या दुसरे व्यक्ति ने अपना सौ प्रतिशत दिया होगा.
जैसा बोयेंगे, वैसा पाएंगे. इसीलिए सदैव अपना काम ईमानदारी से कीजिये और अनावश्यक संदेह कभी न करें - अपना काम इमानदारी से करने पर आप अनुभव करेंगे कि आपको नींद बहुत शांति की आएगी और मन पर कोई बोझ भी नहीं रहेगा.
Motivational Moral Story on Positive Attitude & Thinking in Hindi - Creative Kahani
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सदा खुश रहे व Positive रहे. शुक्रिया...
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